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दवा रहित जीवन

जल्दी सोना और जल्दी उठना दवा है। ऊँ का जाप दवा है। योग प्राणायाम ध्यान और व्यायाम दवा है। सुबह-शाम टहलना भी दवा है। उपवास सभी बीमारियों की दवा है। सूर्य-प्रकाश भी दवा है। मटके का पानी पीना भी दवा है। ताली बजाना भी दवा है। भोजन को खूब चबाना भी दवा है। भोजन की तरह चबाकर पानी पीना भी दवा है। भोजन ग्रहण करने के पश्चात वज्रासन में बैठना दवा है| खुश रहने का निर्णय भी दवा है। कभी-कभी मौन भी दवा है। हंसी-मजाक दवा है। संतोष भी दवा है। मन की शांति व स्वस्थ शरीर भी दवा है| ईमानदारी व सकारात्मकता दवा है। निस्वार्थ प्रेम-भावना भी दवा है। सबका भला ( परोपकार ) करना भी दवा है। ऐसा कुछ करना जिससे किसी की दुआ मिले, वह दवा है। सबके साथ मिलजुल कर रहना दवा है। परिवार के साथ खाना-पीना और घुलना-मिलना भी दवा है। आपका हर सच्चा और अच्छा मित्र भी बिना पैसे के पूरा मेडिकल स्टोर ही है। मस्त रहें, व्यस्त रहें, स्वस्थ रहें और प्रसन्न चित्त रहें, यह भी दवा है। हर नए दिन का भरपूर आनंद लें 🙏
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ये वक्त है इसका क्या है

 ये वक्त है इसका क्या है ये तो चलता ही जायेगा वो लम्हे जो कहीं कहीं जो थम गए या जो रुक गए कुछ यादों में कैद कुछ अपने कुछ उनके पलों से कुछ यूं ही तन्हां से कुछ यूं ही बस फना हो गए कुछ गुजरे तो कुछ गुजार दिए बस वक्त था जो थमा नहीं जब मिले तो रुका नहीं जब बिछड़े तो मुड़ा नहीं यादों का बस्ता लिए हमने हर साल हर महीने और हर पल यूं ही बस संवार लिए ikkumpal - 31 दिसंबर 2024 19:48

क्या है इन बारिश की बूंदों में खास

देखा मैंने आज क्या है  इन बारिश की बूंदों में खास  गिरते ही तो बिखर गई वो  और फिर भिगो गई मेरे मन को   घने बादलों में कितने अश्क गिरने को तैयार हैं   कुछ गिरे हैं कुछ गिरेंगे  कहीं तरु पे, कहीं परों पर कहीं गिरी पर,  कहीं सरी में, और गिरें जो मुझ मन पर  किसे बताऊँ किससे छुपाऊं  या मैं दिल की आग बुझाऊँ   बार बार दिल कहता है ये कौन अपना सा ही बहता है  पूछ न पाऊं बुझ न पाऊं  पल पल यूँ ही भीगा जाऊं   सोच रहा हूँ सोच न पाऊं  यादों में ही खोता जाऊं   उनका ही मैं होता जाऊं  उन्हीं लम्हों में जीता जाऊं   सपनो को संजोता जाऊं  उनको मैं पिरोता जाऊं   लक्ष्य नहीं वो राह है मेरी  उनपे ही मैं चलता जाऊं   राह मुसाफिर बनता जाऊं स्वप्नों में ही जीता जाऊं

मुझमें कहीं तुम बस सी गई

मुझमें कहीं तुम बस सी गई  एहसास में कहीं रम सी गई   तेरे बिना न अब सुबह और शामें रही   और रात भर बस आहें रही   हर सांस में तू आती गई   तुझमें कहीं मैं खो जाऊं  अब ऐसा तू कुछ कर दे ऐ रब  यादें तेरी बस बन जाएँ सच  मुझमें कहीं तुम बस सी गई  एहसास में कहीं रम सी गई

खामोशी सी जुबां

अब यूं ही खामोश सी ज़ुबां कुछ बयां कर जाती है शब्दों के पिटारे से कुछ भी गुनगुनाती है कुछ कही कुछ अनकही बातों को किस्सों में छोड़ जाती है... वो उन्हें सुनके कुछ अनसुने भावों में उन पलों को यादें बना बस चल देते हैं जाने कहां । पूछो ना क्या हुआ उन लम्हों में जिन्हे तुमने छुआ और मुझसे वो कुछ अनछुए से रह गए ।

Tum Kaun Ho Main Jaan Gaya Hoon

तुम कौन हो मैं जान गया हूँ   तुम कौन हो मैं मान गया हूँ   अनगिनत सितारों में तुमको मैं पहचान गया हूँ   चमक तुम्हारी अलग ही है  पलक से न अब ओझल हो तुम   फलक पे तुम बनी रहो   एक धीमी रोशनी तुम मेरे जीवन में बनी रहो  बादलों से झांक लो तुम पर्वतों से ढांक लो तुम   बस जब मैं देखूं तुम दिख जाओ   हसरथ में मेरी तुम यूँही सजी रहो   तुम कौन हो मैं जान गया हूँ   तुम कौन हो मैं मान गया हूँ

Meaning of Winning

WINNING is not about coming 1st,  it is about gaining more experience,  elevating to the next level and loving what you do!