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क्या है इन बारिश की बूंदों में खास

देखा मैंने आज क्या है इन बारिश की बूंदों में खास गिरते ही तो बिखर गई वो और फिर भिगो गई मेरे मन को घने बादलों में कितने अश्क गिरने को तैयार हैं कुछ गिरे हैं कुछ गिरेंगे कहीं तरु पे, कहीं परों पर कहीं गिरी पर, कहीं सरी में, और गिरें जो मुझ मन पर किसे बताऊँ किसे छुपाऊं या मैं दिल की आग बुझाऊँ बार बार दिल कहता है ये कौन अपना सा ही रहता है पूछ न पाऊं बुझ न पाऊं पल पल यूँ ही भीगा जाऊं सोच रहा हूँ सोच न पाऊं यादों में ही खोता जाऊं उनका ही मैं होता जाऊं उन्हीं लम्हों में जीता जाऊं सपनो को संजोता जाऊं उनको मैं पिरोता जाऊं लक्ष्य नहीं वो राह है मेरी उनपे ही मैं चलता जाऊं राह मुसाफिर बनता जाऊं स्वप्नों में ही जीता जाऊं
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मुझमें कहीं तुम बस सी गई

मुझमें कहीं तुम बस सी गई एहसास में कहीं रम सी गई तेरे बिना न अब सुबह और शामें रही और रात भर बस आहें रही हर सांस में तू आती गई तुझमें कहीं मैं खो जाऊं अब ऐसा तू कुछ कर दे ऐ रब यादें तेरी बस बन जाएँ सच मुझमें कहीं तुम बस सी गई एहसास में कहीं रम सी गई

खामोशी सी जुबां

अब यूं ही खामोश सी ज़ुबां कुछ बयां कर जाती है शब्दों के पिटारे से कुछ भी गुनगुनाती है कुछ कही कुछ अनकही बातों को किस्सों में छोड़ जाती है... वो उन्हें सुनके कुछ अनसुने भावों में उन पलों को यादें बना बस चल देते हैं जाने कहां । पूछो ना क्या हुआ उन लम्हों में जिन्हे तुमने छुआ और मुझसे वो कुछ अनछुए से रह गए ।

Tum Kaun Ho Main Jaan Gaya Hoon

तुम कौन हो मैं जान गया हूँ तुम कौन हो मैं मान गया हूँ अनगिनत सितारों में तुमको मैं पहचान गया हूँ चमक तुम्हारी अलग ही है पलक से न अब ओझल हो तुम फलक पे तुम बनी रहो एक धीमी रोशनी तुम मेरे जीवन में बनी रहो बादलों से झांक लो तुम पर्वतों से ढांक लो तुम बस जब मैं देखूं तुम दिख जाओ हसरथ में मेरी तुम यूँही सजी रहो तुम कौन हो मैं जान गया हूँ तुम कौन हो मैं मान गया हूँ

Meaning of Winning

WINNING is not about coming 1st,  it is about gaining more experience,  elevating to the next level and loving what you do!  

संत

   संत  जिस किसी का भी जीवन  संतुलित  हो - वही  संत  है  चाहे वो कोई भी हो  | 

मेरा मन