अब और कितनी देर मैं रुकूंगा और करूँगा इंतज़ार और कितनी देर मैं रुकूंगा बार बार बस बहूत हुआ अब तो मुझे उड़ने दो पंख पसार उन हवाओं में आसमां छूने दो भूल गया अब सब कुछ की कैसे मैं भागा दौड़ा करता था कैसे मैं कभी ये और कभी वो किया करता था कैसे मैं सब से मिलता था कैसे मैं सब में रहता था अब और कितनी देर...