Skip to main content

Posts

Showing posts from 2020

थमी ज़िंदगी कुछ दिनों से

कैसे थम गई ज़िंदगी की रफ़्तार कुछ दिनों से वो जो सब भाग रहे थे रूक गए है कुछ दिनों से सड़क पर यातायात गुम हो गया है कुछ दिनों से समय आ गया है अब सोच ऐ मानव कहाँ जा रहा था मंज़िल पर तो तब भी न पहुँच पा रहा था और अब जब तू थम गया है तो विचार कर कितनों को पछाड़ कर तू आगे बढ़ गया था तू जल्दी में था और कहीं दूर निकल गया था कइयों ने पुकारा तू फिर भी बढ़ता गया अपनों के लिए निकालूंगा समय एक दिन बैठूंगा संग परिवार के एक दिन पल में ऐसा सोच, निकल जाता था हर एक दिन सुनने का समय नहीं था रुकने का समय नहीं था पता नहीं किस दौड़ का हिस्सा बन रहा था तू हर एक दिन क्या पाने के लिए क्या क्या खोता जा रहा था तू ऐ इंसान तू भावनाहीन और आस्थाहीन कब बन गया और कितनी आगे जायेगा और क्या तू पा जायेगा ठहर जा रूक जा थम जा इतना आगे तो कुदरत ने भी न सोचा था अब देख जब तू रुक गया है तो याद रख इस बार चलने से पहले एक बार तू रूक कर ज़रूर सोचना क्या सीखा गई और क्या बता गई ये रुकी और थमी हुई ज़िंदगी मुकेश “ईक्कुंपाल” ०9 मई २०२०